पालड़ी के अमृत को मिली दिल के दर्द से निजात
जालोर. चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग का राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम जन्मजात विकृतियों व बीमारियों से जूझ रहे मासूम बच्चों के लिए जीवनदायी साबित हो रहा हैं। इस कार्यक्रम के तहत जालोर जिले में 12 टीमें लगी हुई हैं, जो बीमार व जन्मजात विकृतियों से पीडित बच्चों की स्क्रीनिंग करती हैं।
बीमार व विकृति वाले बच्चों का प्रदेशभर में चयनित प्राइवेट व सरकारी अस्पतालों में निशुल्क उपचार होता है। पिछले 11 साल से दिल के दर्द से जूझ रहे सांचौर ब्लॉक के गांव पालड़ी के अमृतलाल को इस कार्यक्रम से नया जीवन मिला है। आरबीएसके के तहत सांचौर ब्लॉक में डॉ. रमेश व डॉ. संगीता की टीम ने पालड़ी गांव के राजकीय सीनियर सैकण्डरी स्कूल की कक्षा 6 में पढऩे वाले बच्चों के स्वास्थ्य परीक्षण के दौरान अमृतलाल का चयन ऑपरेशन के लिए किया। वे अमृत के पिता ईश्वर लाल से मिले।
उन्होंने अमृत के दिल का ऑपरेशन कराने की बात कही। ईश्वरलाल मजदूरी कर अपने परिवार का पालन पोषण करते है। आर्थिक स्थिति बेहद कमजोर होने से ऑपरेशन के लिए करीब एक लाख रुपए की व्यवस्था करना उनके लिए नामुकिन था। ईश्वरलाल के चार बेटे हैं और अमृत का परिवार में दूसरा नंबर है। तीन अन्य बच्चे स्वस्थ हैं। अमृत गांव के सामान्य बच्चों के साथ खेलते समय दिल की बीमारी के कारण जल्दी ही थक जाता था और खाना भी बेहद कम खाता था। हर वक्त बीमार रहने के कारण अमृत स्कूल भी कम ही जा पाता था। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ.बीएल बिश्नोई तथा अन्य विभागीय अधिकारियों द्वारा प्रोत्साहित करने पर ईश्वरलाल अपने बेटे के दिल का ऑपरेशन कराने के लिए राजी हुआ।
इधर, जोधपुर के मेडिपल्स अस्पताल के अधिकारियों से संपर्क कर आरबीएसके के नोडल अधिकारी डॉ.निलेश दहिया, सामाजिक कार्यकर्ता हेमराज कुमावत ने अमृत के ऑपरेशन की व्यवस्था करवाई। अमृत का जोधपुर के प्राइवेट अस्पताल मेडीपल्स अस्पताल में निशुल्क ऑपरेशन हुआ। अमृत अभी स्वस्थ हैं और उसे मेडीपल्स अस्पताल से छुट्टी भी मिल चुकी है।
जालोर. चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग का राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम जन्मजात विकृतियों व बीमारियों से जूझ रहे मासूम बच्चों के लिए जीवनदायी साबित हो रहा हैं। इस कार्यक्रम के तहत जालोर जिले में 12 टीमें लगी हुई हैं, जो बीमार व जन्मजात विकृतियों से पीडित बच्चों की स्क्रीनिंग करती हैं।
बीमार व विकृति वाले बच्चों का प्रदेशभर में चयनित प्राइवेट व सरकारी अस्पतालों में निशुल्क उपचार होता है। पिछले 11 साल से दिल के दर्द से जूझ रहे सांचौर ब्लॉक के गांव पालड़ी के अमृतलाल को इस कार्यक्रम से नया जीवन मिला है। आरबीएसके के तहत सांचौर ब्लॉक में डॉ. रमेश व डॉ. संगीता की टीम ने पालड़ी गांव के राजकीय सीनियर सैकण्डरी स्कूल की कक्षा 6 में पढऩे वाले बच्चों के स्वास्थ्य परीक्षण के दौरान अमृतलाल का चयन ऑपरेशन के लिए किया। वे अमृत के पिता ईश्वर लाल से मिले।
उन्होंने अमृत के दिल का ऑपरेशन कराने की बात कही। ईश्वरलाल मजदूरी कर अपने परिवार का पालन पोषण करते है। आर्थिक स्थिति बेहद कमजोर होने से ऑपरेशन के लिए करीब एक लाख रुपए की व्यवस्था करना उनके लिए नामुकिन था। ईश्वरलाल के चार बेटे हैं और अमृत का परिवार में दूसरा नंबर है। तीन अन्य बच्चे स्वस्थ हैं। अमृत गांव के सामान्य बच्चों के साथ खेलते समय दिल की बीमारी के कारण जल्दी ही थक जाता था और खाना भी बेहद कम खाता था। हर वक्त बीमार रहने के कारण अमृत स्कूल भी कम ही जा पाता था। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ.बीएल बिश्नोई तथा अन्य विभागीय अधिकारियों द्वारा प्रोत्साहित करने पर ईश्वरलाल अपने बेटे के दिल का ऑपरेशन कराने के लिए राजी हुआ।
इधर, जोधपुर के मेडिपल्स अस्पताल के अधिकारियों से संपर्क कर आरबीएसके के नोडल अधिकारी डॉ.निलेश दहिया, सामाजिक कार्यकर्ता हेमराज कुमावत ने अमृत के ऑपरेशन की व्यवस्था करवाई। अमृत का जोधपुर के प्राइवेट अस्पताल मेडीपल्स अस्पताल में निशुल्क ऑपरेशन हुआ। अमृत अभी स्वस्थ हैं और उसे मेडीपल्स अस्पताल से छुट्टी भी मिल चुकी है।
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