धोरीमन्ना मीडिया न्यूज नेटवर्क
धोरीमन्ना कस्बे को साफ-सुथरा रखने व गंदें पानी बाहर पानी निकासी के लिए बनाए जा रहे नाले बनने के साथ ही टूटने लगे हैं। ऐसा नहीं कि इस समस्या के बारे में संबंधित विभाग या ठेकेदार को पता न हो लेकिन दुकानदारों व आमजन को आ रही परेशानी व शिकायत के बावजूद समस्या का हल करने का कोरा आश्वासन देकर टरकाया जा रहा है।
करोड़ों रुपए की लागत से बनाया गए नाले उपयोग लेने से पहले ही ध्वस्त होने लग गया है इस नाले ने घटिया निर्माण होने की पोल खोल कर रख दी है। इस बात से साफ अंदाजा लगाया जा सकता है कि निर्माण कार्य में घटिया निर्माण सामग्री उपयोग ली गई। अभी तो इस नाले का कार्य भी अधूरा पड़ा है। सरकारी धन पर होने वाले विकास कार्यो में किस तरह धन का दुरुपयोग होता है। इसकी नजीर देखनी है तो धोरीमन्ना के ओवर ब्रिज के पास डेढ किलोमीटर लंबे निर्माणाधीन नाले को देखिए। आज दिन को तहसील कार्यालय के सामने NH 15 से धनाऊ जाने वाले बाईपास तिराहे पर नाला ध्वस्त हो गया नाले से होकर दर्जनों बसे सहित सेंकडो वाहनों का आवागमन प्रतिदिन होता हैं स्थिति यह है कि बिना जाली के नाली के ऊपर से आवागमन करने से अक्सर दुपहिया वाहन चालक विशेष कर छात्राएं बुजुर्ग गिर पड़ते हैं। बाईपास के बीचों बीच नाले में गड्ढा बनने से कभी भी हादसा हो सकता हैं यह नाला कैसे रखेगा कस्बे को साफ-सुथरा कैसे होगी पानी की निकासी कुछ समय में ही ढह कर रह गया हैं। इससे नाला निर्माण के मानक में की गई अनियमितता साफ झलक रही है।
सड़क के दोनों तरफ नाले बनाए जा रहे हैं। इनके निर्माण में व्यापक स्तर पर घटिया सामग्री का प्रयोग किया जा रहा है, नालों के नीचे मसाले का प्रयोग करने की बजाए मिट्टी डालकर कार्य की इतिश्री की जा रही है। इस कारण नाले कई स्थानों से टूट चुके हैं और नालों का पानी रिसकर दुकानों की नींव में मर रहा है। गंदा पानी दुकानों के आगे फैल रहा है। उनका आरोप है कि नाले दुकानदारों के लिए जी का जंजाल बन चुके हैं। नालों के कारण उनकी दुकानदारी पर बुरा असर पड़ रहा है। इसके चलते दुपहिया वाहन चालकों को आवागमन में भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। प्रशासन के लापरवाही व घटिया निर्माण को दर्शाता है।
