पथ से भटके को सदमार्ग पर लाना ही धर्म की सही पालना:- आचार्य


विशाल कलश एवम शोभायात्रा के साथ जाम्भाणी हरिकथा शुरू



#धोरीमन्ना मीडिया  नेटवर्क।।
धोरिमन्ना निकटवर्ती भादुओ की बेरी कातरला गुरुवार को विशाल कलश एवम शोभायात्रा के साथ सात दिवसीय जाम्भाणी हरिकथा ज्ञानयज्ञ का शुभारम्भ हुआ हरिकथा के प्रथम दिन कथावाचक स्वामी सच्चिदानन्द आचार्य लालासर साथरी ने कहा कि इंसान को इंसान बनाना ही मनुष्य मात्र का पहला धर्म है, कोई मनुष्य अगर अपने पथ से भटककर कोई गलत कर्म करने लग जाये तो उसको सदमार्ग पर लाना धर्म की सही पालना है, आनदेवो के प्रति लोगो की बढ रही रुचि पर गहरी चिन्ता जताते हुए आचार्यजी ने कहा कि गुरु जाम्भोजी ने हमे कितना अच्छा धर्म दिया है और हम उन नियमो को छोड़कर आनदेवताओ के धोक लगाते है, ये बिश्नोई धर्म के अनुकुल नही है आचार्य ने आनदेवो को छोड़कर सिर्फ गुरु जाम्भोजी द्वारा प्रतिपादित नियमो पर चलने का आह्वान किया इस दौरान आचार्य जी ने फलौदी के राजा हमीरदेव का गुरु जाम्भोजी से मिलने का प्रसंग सुनाया

विशाल शोभायात्रा मे उमड़ी भीड़


कथा पूर्व भव्य कलश एवम विशाल शोभायात्रा का आयोजन किया गया जो नजदीकी गांवो मे होते हुए धोरीमन्ना मुख्य बाजार से गुजरते हुए कथा स्थल पर पहुँची कलशयात्रा मे महिलाए पारम्परिक वेशभूषा सिर पर कलश धारण किये हुए पर्यावरण एवम जीवरक्षा के संदेश देती तख्तियां एवम मोटरसाइकिल तथा वाहनों में सवार होकर पर्यावरण सेवको ने जीवरक्षा व पर्यावरण का संदेश दिया कथा के दौरान स्वामी कृपाचार्य महाराज करावड़ी, स्वामी श्रवणदास, पूर्व सरपंच विरमाराम भादु, पीराराम धायल, ओमप्रकाश डेडवा, जयकिशन भादू, किशोर भादू, किशनलाल भादु, प्रभुराम सारण, पूनमाराम बेनीवाल सहित समाज के कई गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।

एक टिप्पणी भेजें

और नया पुराने

Newsletter