28 ग्राम पंचायतो में केवल 18 आरओ प्लांटो स्वीकृत, उनमे भी जलदाय विभाग की लाफरवाही
#धोरीमन्ना मीडिया नेटवर्क।।
धोरीमन्ना उपखंड मुख्यालय पर गांव में खारे पानी से लोगों को राहत देने के लिए बनाए जा रहे आरओ प्लाट पिछले कई माह से बंद पड़े हैं तो कहीं पर कई माह बित जाने के बाद भी प्लांट का कार्य आधे अधूरे छोड़ दिये है। जिससे लोगों को खारे पानी से कोई राहत नही मिल पाइ हैं।जलदाय विभाग इस ओर कोई अग्रिम कार्रवाई नहीं कर रहा है। ग्रामीण गर्मी के मौसम में पेयजल किल्लत से जूझ रहे है। लाखों की राशि खर्च करके बने आरओ (रिवर्स ऑस्मोस्सि) प्लांट महज दिखावा बनकर रह गए हैं। स्वीकृति के साल गुजरने के बावजूद आधे आरओ शुरू नहीं हो पाए हैं। ऐसे में लोगों को मजबूरी में दूषित पानी पीने को मजबूर होना पड़ रहा। वहीं कई लोग निजी आरओ से पेयजल की व्यवस्था कर रहे हैं। ग्रामीणों ने इस संबंध में जलदाय विभाग के अधिकारियों को कई बार अवगत भी कराया हैं लेकिन आज दिन तक लोगों की शिकायत के बावजूद जलदाय विभाग व आरओ संचालित करने वाली कंपनी द्वारा ध्यान नहीं दिया जा रहा है।
बंद आरओ प्लांट का काम पूरी तरह से ठप्प, जानकारी के अनुसार धोरीमन्ना उपखंड में दो आरओ प्लांट चयनित हुए जिसमे एक आरओ प्लांट बनाया गया लेकिन दुसरे आरओ प्लांट का कार्य कई माह बित जाने के बाद कार्य अधुरा पड़ा हैं वहीं घटीया निर्माण सामग्री के उपयोग व घटीया क्वालीटी की लगी मशिने भी हांफने लग गई है। जलदाय विभाग व आरओ संचालित करने वाली कंपनी द्वारा चयनित गांव में बनाए जा रहे आरओ प्लांटो का काम आधा अधूरा कर छोड़ दिया जाता हैं।
18 आरओ प्लांट स्वीकृत
ग्रामिण इलाकों में जनता को खारे पानी की जगह मिठी पानी देने के लिए लाखों की लागत से अठाहरा आरओ प्लांट की स्वीकृति जारी की गई। जिसमें से मात्र एक प्लांट ही कार्य कर रहे हैं। बाकी के आरओ प्लांट मे से किसी का निर्माण अधूरा पड़ा है तो कोई विद्युत कनेक्शन जारी नहीं होने से काम नहीं कर रहा तो कोई देखरेख के अभाव सें नकारा साबित होकर रह गये हैं।
पिने योग्य नहीं है पानी
विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार क्षेत्र का खारा पानी पीने योग्य नहीं है पानी में डीटीएस की मात्रा आधा 15 सौ होनी चाहिए वहां इस क्षेत्र के लोगों को 45 सौ से 5 हजार तक का डीटीएस युक्त पानी पीने को मिल रहा है ऐसे में क्षेत्र के लोगों की हड्डियों पर बुरा असर पड़ रहा है फ्लोराइड युक्त पानी पीने से यहां के लोग विभिन्न रोगों से ग्रस्त हैं धोरीमना मुख्यालय सहित 28 ग्राम पंचायतों के लोग वर्षो से मानक मापदंड के विपरीत पानी पी रहे हैं।
क्यों पड़ी जरूरत
गिरते भूजल के कारण पानी में बढ़ रही लवणों की मात्रा के कारण कई गांवों मे पानी पीने योग्य नहीं रहा है। पानी में कठोरता, फ्लोराइड व नाइट्रोजन तत्वो के बढ़ने से लोगों के शरीर पर दुष्प्रभाव पड़ रहा है। ऐसे मे सरकार की ओर से ऐसे गांवो मे जहां गुणवत्तायुक्त पानी का एक भी स्रोत नहीं है। वहां आरओ लगाने की योजना तैयार की थी।