![]() |
Pandit Pradeep Ji Mishra |
Ganga Dussehra 2022:आज गंगा दशहरा के पावन मौके पर उत्तराखंड के तमाम गंगा घाटों और नदियों में स्नान किया जा रहा है। लेकिन अगर इन बातों का ध्यान नहीं रखा गया तो आप पुण्य कमाने की जगह पाप कर बैठेंगे।
विशिष्ट योग की साक्षी में गंगा माता का पूजन विशेष फल देने वाला होगा। कल्याण करने वाली माता के रूप में मां गंगा भारतीय संस्कृति की रीढ़ है।
गंगा दशहरा के दिन गंगा तटों पर जाने-अनजाने हम पुण्य के बजाए पाप कर्म करते हैं। गंगा स्नान के दौरान शरीर के मैल को गंगा में नहीं रगड़ना चाहिए।
साथ ही कपड़ों को गंगा में भी नहीं धोना चाहिए। यथाशक्ति दान के साथ ही गंगा में शुद्ध घी का दीपक अर्पण करना चाहिए।
इसके साथ ही प्लास्टिक और अन्य अजैविक पदार्थों को कूड़ादान में ही डालें।..
बता दें कि कई दशकों बाद इस वर्ष गंगा दशहरा पर हस्त नक्षत्र, बुधवार, व्यतिपात योग का दुर्लभ संयोग बन रहा है। इस दिव्य संयोग की जोड़ी में गंगा स्नान, तप, दान मनोवांछित फल प्रदान करने वाला होगा।