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Pandit Pradeep Mishra Ke Totke |
Pandit Pradeep Mishra Shanidev Jayanti Ke Upay: शनिदेव को न्याय और कर्मों का लेखा-जोखा रखने वाले देवता के रूप में मान्यता प्राप्त है। इसलिए शनिदेव का ध्यान सभी मनुष्यों को करना चाहिए। शनिदेव की पूजा अगर कुछ विशेष फलदायक तिथियों में की जाए तो यह बेहतर परिणाम देने वाली मानी जाती है। इन्हीं में से एक है शनि जयंती। शनि जयंती हर साल ज्येष्ठ मास की अमावस्या को मनाई जाती है। इस साल शनि जयंती 30 मई को है। हम आपको बता रहे हैं इस दिन कि लिए शनि के कुछ खास उपाय, जिनको करने से साढे़साती और ढैय्या की दशा में जातकों को राहत मिलती है।
तुलसी के पत्तों की माला( Pandit Pradeep Mishra Ke Totke)
108 तुलसी के पत्तों पर राम नाम लिखकर माला बनाएं हर शनिवार हनुमानजी को यह माला पहनाएं। ऐसा आपको कम से कम 40 शनिवार तक करना है। इस उपाय की शुरुआत शनि जयंती के दिन से करना बेहद लाभप्रद माना जाता है। हनुमानजी की भक्ति करने से शनिदेव प्रसन्न होकर जातक पर अपना प्रभाव कम कर देते हैं।
शनिवार का व्रत (Shaniwar Vrat Ke Fayde- Pandit Pradeep Mishra Live Upay)
शनिदेव को प्रसन्न करने के लिए शनि जयंती से व्रत का आरंभ करें और फिर कम से कम 40 शनिवार तक शनिदेव का व्रत करें। व्रत रखने के बाद शाम के समय उड़द दाल से खिचड़ी बनाकर घर के मंदिर में देवी देवताओं को भोग लगाएं। आरती पूजा के बाद खिचड़ी खाएं। इस खिचड़ी को घर के सभी सदस्य खा सकते हैं। इससे शनिदेव का आशीर्वाद परिवार पर रहता है तथा बीमारियों से भी निजात मिलती है.
लोहे का छल्ला (Pandit Pradeep Ji Mishra )
शनिदेव को प्रसन्न करने के लिए शनि जयंती पर आप लोहे की अंगूठी भी धारण कर सकते हैं। इसके लिए आपको लोहा नाव की कील या फिर काले घोड़े की नाल का लेना है। इसकी अंगूठी बनवाएं। ध्यान रखें कि अंगूठी को भट्ठी में गर्म किए बगैर बनवाना चाहिए। इसे शनि जयंती के दिन शनि की उंगली यानी कि मध्यमा उंगली में धारण करें।
सुंदरकांड का पाठ
सुंदरकांड का पाठ करने से मन के सभी प्रकार के भय समाप्त होते हैं और हनुमानजी की भक्ति करने से शनिदेव प्रसन्न होते हैं। शनि जयंती से आरंभ करके हर मंगलवार और शनिवार को सुंदर कांड का पाठ करें। यह उपाय भी कम से कम 40 मंगलवार और शनिवार तक करने चाहिए।
शमी की लकड़ी से हवन- सबसे असरदार उपाय
जिस व्यक्ति के ऊपर शनि की दशा चल रही है उसके लिए यह उपाय सबसे असरदार माना जाता है। काले कपड़े में सुरमा, काजल, कोयला, उड़द, काला तिल बांधकर जिस व्यक्ति के ऊपर शनि की प्रतिकूल दशा चल रही है उसके ऊपर से सात बार घुमाकर नदी में प्रवाहित कर दें। यह उपाय शनिवार के दिन करें।
शनि जयंती कब है,जानिए- (Shani Jayanti Kab Hai,Janiye)
सनातन परंपरा में शनिदेव (Shani Dev) को न्याय का देवता, दंडाधिकारी और कर्मफलदाता आदि कहकर बुलाया जाता है. शनिदेव (Lord Shani) की जयंती हर साल ज्येष्ठ मास की अमावस्या को मनाई जाती है, जो कि इस साल 30 मई 2022 को पड़ने जा रही है.