4 मार्च फुलेरा दूज के दिन भूल कर भी न करें ये गलती- पंडित प्रदीप जी मिश्रा

Phulera Dooj Ke Upay
Phulera Dooj Ke Upay: फाल्गुन मास के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि पर फुलेरा/फुलैरा दूज का त्योहार मनाया जाता है। इस बार यह शुभ तिथि 4 मार्च दिन शुक्रवार को है। इस त्योहार `को सबसे महत्वपूर्ण और शुभ दिनों में से एक माना जाता है। क्योंकि यह दिन किसी भी तरह के हानिकारक प्रभावों और दोषों से प्रभावित नहीं होता है। ज्योतिष शास्त्र में इसे अबूझ मुहूर्त माना गया है, अत: इस दिन बिना मुहूर्त देखे ही सभी तरह के शुभ और मांगलिक कार्य को करना लाभदायी माना जाता है। इस बार फूलेरा दूज पर ‘शुभ’ नामक योग का निमार्ण हो रहा है, जो मांगलिक कार्यों के लिए अति मंगलकारी माना जाता है। उत्तर भारत के राज्यों में, ज्यादातर शादी समारोह फुलेरा/फुलैरा दूज की पूर्व संध्या पर होते हैं। लोग आमतौर पर इस दिन को अपना व्यवसाय शुरू करने के लिए सबसे समृद्ध पाते हैं।
 

Pandit Pradeep Mishra Phulera Dooj Ke Totke: फूलेरा दूज होली के पहले मनाया जाता है और ब्रज क्षेत्र में बहुत ही उत्साह और जोश के साथ मनाया जाता है। फुलेरा/फुलैरा दूज का त्योहार वसंत पंचमी और होली के बीच फाल्गुन में मनाया जाता हैं। यह दिन पूरी तरह दोषमुक्त दिन है। इस दिन का हर क्षण शुभ होता है। इसलिए कोई भी शुभ काम करने से पहले मुहूर्त देखने की जरूरत नहीं होती। मान्यता के अनुसार यह दिन शुभ विवाह, मकान, प्लॉट और संपत्ति की खरीद इत्यादि सभी प्रकार के शुभ कार्यों को करने के लिए दिन अत्यधिक पवित्र है। इस दिन शुभ मुहूर्त पर विचार करने या विशेष शुभ मुहूर्त को जानने के लिए पंडित से परामर्श करने की आवश्यकता नहीं है।

फुलेरा दूज के दिन ये काम ना करें-

फुलेरा दूज के दिन गाय, मोर और गाय की बछिया को आहार जरूर दें. साथ ही इस दिन किसी की निंदा ना करें. इसके अलावा किसी भी कृष्ण भक्त का अपमान ना करें. फुलेरा दूज के दिन मांसाहार भोजन ना करें. साथ ही इस दिन शराब या किसी अन्य नशीली पदार्थों का सेवन ना करें. 

Pandit Pradeep Ji Mishra Phulera Dooj: भगवान शिव के मस्तक पर पिंड पर धतूरा पहली बार फुलेरा दूज के दिन चढ़ाया गया इसलिए फुलेरा दूज के दिन शिव पूजा का विशेष महत्व है. अगर आप फुलेरा दूज के दिन भगवान शिव की पूजा अर्चना करके कोई भी व्यापार – व्यवसाय की नींव रखते है या बिना किसी मुहूर्त के कोई भी कार्य करते हुआ तो वो असफल नहीं जाता है. जिंदगी के सारे कांटे फुलेरा दूज के दिन निकल जाते हैं.

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