Bageshwar Dham Sarkar Ki Mahima |
पिछले कई सालों से बागेश्वर धाम सरकार (Bageshwar Dham Sarkar) व बागेश्वर धाम के शिष्य मण्डल (Bageshwar Dham Shishya Mandal) द्वारा अपने दान पेटी की चढ़ोत्रि से गरीब कन्याओं का विवाह करवाया जाता रहा है.
बागेश्वर धाम सरकार के द्वारा की गई इस पहल का विचार सर्वप्रथम गुरुजी के निजी जीवन से शुरू हुआ. गुरुजी की एक बहिन जी थी और उनके विवाह के समय पैसा उधार नहीं मिल रहा था. गुरुजी की बहन जी के विवाह के लिये गुरुजी व उनके परिवार के सदस्यों ने खूब मश्श्कत की लेकिन किसी ने मदद नहीं की.
उस परिस्थिति को ध्यान करते हुए गुरुजी कभी कभी कहते है कि "बन जाते है लाखों रिश्ते जब पैसा पास होता है, टूट जाता है वो रिश्ता गरीबी में जो सबसे खास होता है". जब भी गुरुजी और उनके माताजी-पिताजी बैठकर विचार करते कि बहन का विवाह कैसे होगा. गुरुजी के घर पर उस वक्त एक लाख रुपया भी नहीं था और कैसे विवाह करें और कैसे उपहार में दहेज दें, ये ही विचार मन में सदैव रहता.
गुरुजी और उनके परिवार के सदस्यों ने उधारी के लिए भी खूब प्रयास किया लेकिन गुरुजी कहते है कि उधारी भी आज कल सम्पन्न लोगों को ही मिलती है जो चुका सके भले और दीन-गरीब आदमी को उधारी भी नहीं मिलती. बहिन की शादी को महज दस दिन बचे थे तो गुरुजी ने एक पुरोहित जी थे उनसे प्रयास किया तो उन्होने अगले ही दिन गुरुजी की मदद की और विवाह कार्यक्रम को सम्पन्न करवाया.
उसके बाद से ही बागेश्वर धाम के गुरुजी ने ये संकल्प लिया की जब भी बालाजी महाराज कृपा करेंगे तो सबसे पहला कार्य ये ही रहेगा कि गरीब कन्याओं का विवाह बिना किसी परेशानी के करवाया जा सके. तभी से ही गुरुजी उस संकल्प पर अडिग है और एक साथ 108 कन्याओं का विवाह करवाते है और सारा खर्च उठाते है.
MUGHE GATHITABAI KA ILAZ KARAN HE OR SABSE JYDA SAMASYA MANSIK BIMARI SE HE JO ME 25 SAL SE JHEL RAHA HU
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