आखिर सरकार ऐसे फैसले क्यों लेती है:-डोडो पर प्रतिबंध लेकिन शराब के ठेके जारी,ग्रामीण क्षेत्रों में महिलाए भी नजर आती है शराब के ठेकों पर

आखिर सरकार ऐसे फैसले क्यों लेती है:-डोडो पर प्रतिबंध लेकिन शराब के ठेके जारी,ग्रामीण क्षेत्रों में महिलाए भी नजर आती है शराब के ठेकों पर

धोरीमन्ना मीडिया :-अशोक कुमार विश्नोई
धोरीमन्ना, राज्य सरकार व केंद्र सरकार में भाजपा सरकार बनते ही डोडा पोस्त के ठेको पर पूर्णता प्रतिबन्ध लगा दिया लेकिन शराब के ठेको को जारी रखा है हालात यह है कि ग्रामीण क्षेत्रों में डोडा पोस्त का सेवन करने वाली महिलाओं को भी अब डोडा न मिलने के कारण शराब लेनी जरूरी हो गई है पहले गांवो में अधिकांश शराब युवाओं द्वारा ही ली जाती थी लेकिन अब वृद्ध पुरुषों के साथ साथ महिलाओं को भी लेनी पड़ रही है भारत सरकार व राजस्थान सरकार ने यह हवाला देते हुए डोडा पोस्त पर रोक लगा दी कि भारत मे अधिक नशावृति लोग होने के कारण यूनिसेफ स्वास्थ्य विभाग में सहयोग करने से मना कर रहा है आखिर बड़ा सवाल यह है कि क्या शराब नशे के अंतर्गत नही आता ?क्या यूनिसेफ को शराब से कोई दिक्कत नही है?वही राज्य सरकार ने अब प्रत्येक ग्राम पंचायतों में अपने चहतो को शराब की दुकान जारी करवा दी है।जिससे प्रत्येक ग्राम पंचायतों मे युवाओं से लेकर महिला व वृद्ध तक शराब के आदि हो गए है।

फोटो:-अरणियाली ग्राम पंचायत मुख्यालय पर स्थित शराब के ठेके पर एक महिला शराब खरीदती हुई।

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