धोरीमना मीडिया नेटवर्क।।
धोरीमन्ना।थार मरुस्थल में कल्प वृक्ष के नाम से जानी जाने वाली खेजड़ी के वृक्ष बहुतायात में पाए जाते हैं लेकिन इनके संरक्षण को लेकर कोई प्रयास नहीं किए जा रहे हैं। दिनों दिन बढ़ती जनसंख्या के साथ इस वृक्ष का हार्ष हो रहा है धङले से खेजङी के पेङों को काटा जा रहा है लेकिन सरकार द्वारा किए जा रहे दावे खोखले साबित हो रहे सरंक्षण को लेकर सारे प्रयास नाकाम है। ऐसा ही नाकामी का एक मामला सामने आया है जिसने विद्युत विभाग को संदेह के घेरे में डाल रखा है। धोरीमन्ना से धनाऊ जाने वाली रोड पर सड़क किनारे विद्युत लाइन के पास खड़ी खेजङीयों को बिना कोई अनुमति के काटा जा रहा है
टहनियों के बजाए काट रहे हैं पेड़
टहनियों के बजाए काट रहे हैं पेड़
विद्युत लाइन में खड़े पेड़ों से लाइन फॉल्ट होती रहती है इसलिए पेड़ की टहनियों को काटा जा सकता है। लेकिन विद्युत विभाग के कर्मचारियों द्वारा खेजड़ी के हरे वृक्षों पर कुल्हाड़ी ओर मिशनों से उन्हें बिचोबीच तने में से काटी जा रही है।
कानून नियमों की हो रही है अवहेलना
डिस्कॉम कर्मचारियों ने कानून अपने हाथ में ले कर नियमों की अवहेलना करते हुए बिना किसी अनुमति के खेजड़ी की हरे वृक्षों को काटा है जिसको लेकर पर्यावरण प्रेमियों में भारी रोष देखने को मिल रहा है।
थार की जीवन रेखा है खेजड़ी
खेजड़ी का पेड़ थार मरुस्थल के लिए जीवन रेखा माना जाता है यह पेड़ भूमि की उपजाऊ शक्ति का प्रतीक है इस वृक्ष का प्रत्येक भाग किसी न किसी रुप से मरुस्थलीय प्राणियों के लिए उपयोगी व जीवनदाई है इसलिए ही खेजड़ी के वृक्ष को मरुप्रदेश का कल्पवृक्ष कहा जाता है।
विश्नोई समाज में है खेजङी का महत्व
बिश्नोई समाज में खेजड़ी को बहुत महत्व दिया जाता है खेजङी के लिए कई लोग शहीद भी हुए है उसके बाद खेजड़ी के संरक्षण को लेकर सरकार ने नियम भी बना रखे हैं लेकिन यहां विद्युत विभाग द्वारा सब कुछ नजरअंदाज करते हुए खेजड़ी के हरे वृक्षों पर कुल्हाड़ी चलाई है।
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