संकट में वन्य जीवन वन विभाग की भूमि पर नहीं थम रहा अवैध खनन
अधिकारीयों की मिलीभगत से प्रशासन की नाक के नीचे दिन रात फल फुल रहा अवैध खनन कारोबार
सरकार के राजस्व को पहुंचाया जा रहा है नुकसान वन्य जीवों पर मंडरा रहा है खतरा
ब्यूरो@धोरीमना मीडिया
धोरीमन्ना।उपखंड क्षैत्र में चल रहा अवैध खनन वन्यजीवों पर अभिशाप बना हुआ है अवैध खनन ने वन्य जीवों पर संकट का पहाड़ खड़ा कर दिया है जानकारी के अनुसार पहाड़ी की सरहद में वन विभाग की ओर से करिबन तीन हजार हैक्टर भूमि आरक्षित है जहां अवैध खनन चल रहे है यहां पर हर साल वन्य भूमि पर अवैध खनन से बड़ी तादाद में वन्यजीव काल कलंविंक हो रहे हैं खनन माफियाओं के अधिकारियों की मेहरबानी से हौसले बुलंद हैं खनन माफिया दिन रात दिल खोलकर अवैध खनन कर रहे हैं जो सिर्फ सरकार के राजस्व को नहीं बल्कि वन विभाग में वन्य जीवों को भी नुकसान पहुंचा रहे हैं वन विभाग में स्थानीय प्रशासन की निष्क्रिय के चलते हुए अवैध खनन कारोबार गहरी जड़े फैला कर फल फूल रहा है उसे अवैध खनन रोकने के लिए जिम्मेदार महकमें के अधिकारी अब तक नाकाम रहे हैं
मिट रहा वन्य जीवों का अस्तित्व
वन विभाग की भूमि पर चल रहे अवैध खनन से चिंकारा खरगोश लोमड़ी जंगली कुत्ते मोर टिटोंड़ी सहित कई अन्य जीव यहा विचरण करते थे। लेकिन यहां चल रहे अवैध खनन में भारी मात्रा में विस्फोटक के प्रयोग से जीवों का अस्तित्व ही खत्म होने लग गया है।
वन विभाग की लापरवाही
राज्य सरकार ने वन सरक्षण की भूमि पर खनन करना व एनओसी जारी करना पूर्ण रुप से प्रतिबंध है लेकिन इसके बावजूद क्षेत्र में मिठड़ा खुर्द जाने वाली रोड़ एमआरटी बेरा स्कूल के पास अवैध रूप से एक हेक्टर की एनओसी देकर अवैध रूप से खनन किया जा रहा है वह भी वन क्षेत्र में हैं।
पलायन को मजबूर वन्य जीव
धोरीमन्ना पहाड़ी के क्षेत्र में वन्य जीवों की सुरक्षा के लिए करीबन 3000 हेक्टेयर जमीन राज्य सरकार की ओर से आरक्षित की गई है ताकि वन्यजीव विचरण करने के साथ ही सुरक्षित हो सके लेकिन इस क्षेत्र में अवैध रुप से खनन करने व विस्फोटोंको के प्रयोग से परेशानी बनती जा रही है हाल यह है कि पूरी वन भूमि पर अवैध खनन बड़े जोर से चल रहा है ऐसे में यहां विचरण करने वाले वन्य जीव जिन्होने पूरी तरह प्लान कर दिया है या मर गए हैं।
अधिकारीयों की मिलीभगत से प्रशासन की नाक के नीचे दिन रात फल फुल रहा अवैध खनन कारोबार
सरकार के राजस्व को पहुंचाया जा रहा है नुकसान वन्य जीवों पर मंडरा रहा है खतरा
ब्यूरो@धोरीमना मीडिया
धोरीमन्ना।उपखंड क्षैत्र में चल रहा अवैध खनन वन्यजीवों पर अभिशाप बना हुआ है अवैध खनन ने वन्य जीवों पर संकट का पहाड़ खड़ा कर दिया है जानकारी के अनुसार पहाड़ी की सरहद में वन विभाग की ओर से करिबन तीन हजार हैक्टर भूमि आरक्षित है जहां अवैध खनन चल रहे है यहां पर हर साल वन्य भूमि पर अवैध खनन से बड़ी तादाद में वन्यजीव काल कलंविंक हो रहे हैं खनन माफियाओं के अधिकारियों की मेहरबानी से हौसले बुलंद हैं खनन माफिया दिन रात दिल खोलकर अवैध खनन कर रहे हैं जो सिर्फ सरकार के राजस्व को नहीं बल्कि वन विभाग में वन्य जीवों को भी नुकसान पहुंचा रहे हैं वन विभाग में स्थानीय प्रशासन की निष्क्रिय के चलते हुए अवैध खनन कारोबार गहरी जड़े फैला कर फल फूल रहा है उसे अवैध खनन रोकने के लिए जिम्मेदार महकमें के अधिकारी अब तक नाकाम रहे हैं
मिट रहा वन्य जीवों का अस्तित्व
वन विभाग की भूमि पर चल रहे अवैध खनन से चिंकारा खरगोश लोमड़ी जंगली कुत्ते मोर टिटोंड़ी सहित कई अन्य जीव यहा विचरण करते थे। लेकिन यहां चल रहे अवैध खनन में भारी मात्रा में विस्फोटक के प्रयोग से जीवों का अस्तित्व ही खत्म होने लग गया है।
वन विभाग की लापरवाही
राज्य सरकार ने वन सरक्षण की भूमि पर खनन करना व एनओसी जारी करना पूर्ण रुप से प्रतिबंध है लेकिन इसके बावजूद क्षेत्र में मिठड़ा खुर्द जाने वाली रोड़ एमआरटी बेरा स्कूल के पास अवैध रूप से एक हेक्टर की एनओसी देकर अवैध रूप से खनन किया जा रहा है वह भी वन क्षेत्र में हैं।
पलायन को मजबूर वन्य जीव
धोरीमन्ना पहाड़ी के क्षेत्र में वन्य जीवों की सुरक्षा के लिए करीबन 3000 हेक्टेयर जमीन राज्य सरकार की ओर से आरक्षित की गई है ताकि वन्यजीव विचरण करने के साथ ही सुरक्षित हो सके लेकिन इस क्षेत्र में अवैध रुप से खनन करने व विस्फोटोंको के प्रयोग से परेशानी बनती जा रही है हाल यह है कि पूरी वन भूमि पर अवैध खनन बड़े जोर से चल रहा है ऐसे में यहां विचरण करने वाले वन्य जीव जिन्होने पूरी तरह प्लान कर दिया है या मर गए हैं।