
धोरीमन्ना।
अब वे दिन बीत गए जब पुष्पों से लकदक रोहिड़े के पेड़ दूर से ही लोगो को आकर्षित कर लेते थे। इक्का-दुक्का स्थानो को छोड़ कर यह अनमोल व अत्यंत उपयोगी माना जाने वाला पेड़ अब आसानी से देखने को नहीं मिलता राज्य पुष्प, राजस्थान का सागवान एवं मरूप्रदेश की शान कहलाने वाला रोहिड़ा अब अपने अस्तित्व के लिए जूझ रहा है। उपयोगी होने के बावजूद रोहिड़ा की प्रजाति पर संकट के बादल मंडराने लगे हैं। जनजागृति एवं संरक्षण के अभाव में प्रकृति की इस धरोहर की सुध लेने वाला कोई नहीं है। अनकूल परिस्थितियां पीत पुष्पो से श्रृंगारित रहने वाले रोहिड़े के पेड़ के विकसित होने के लिए मरूप्रदेश मे अनुकूल परिस्थितियां हैं। यह पौधा यहां की भौगालिक परिस्थितियो मे शीघ्रता से फलता-फूलता है।इसकी लकड़ी मे कीड़ा नहीं लगता है। मारवाड़ का टीक कहलाने वाला रोहिड़ा का पौधा बेहद कीमती व उपयोगी है। मध्यम आकार का यह मरूस्थलीय पौधा राजस्थान के अलावा हरियाणा व पंजाब के कुछ स्थानो पर भी पाया जाता है। सीमावर्ती जिले बाड़मेर में पहले बहुतायत में पाया जाता था
उपयोगी लकड़ी बन रही विनाश का कारण
रोहिड़े की लकड़ी बेहद सख्त एवं हल्के भूरे रंग की होती है। लकड़ी की मजबूती के कारण इसका उपयोग फर्नीचर बनाने में किया जाता है, जबकि वर्षो से हवेलियो मे इस पौधे की लकड़ी का प्रयोग किया जाता है। बहुगुणी होने के कारण इसे राजस्थान का सागवान भी कहा जाता है।
संरक्षण के अभाव में चमक खो रहा
उपयोगी होने के बावजूद इस महत्वपूर्ण पौधे की उपेक्षा का सिलसिला जारी है। सरकारी संरक्षण के अभाव में रोहिड़ा चमक खो रहा हैं रोहिड़े का वानस्पतिक नाम टीकोमेला अंडुलेटा है। इस बहुवर्षीय पौधे मे फूल खिलने का समय दिसंबर से फरवरी माह तक है। कृषि अधिकारीयों का मानना है कि पर्यावरण संरक्षण की दृष्टि से इस बहुपयोगी पौधे की प्रजाति घटना चिंता का विषय है। रोहिड़े की संख्या मे हो रही
कमी का मुख्य कारण बढ़ता जनसंख्या दबाव, खेती योग्य भूमि बनाने के लिए पेड़ों की कटाई और इमारती लकड़ी की चाह है।
जेसीबी चला कर काटे रोहिड़े के पेड़
धोरीमन्ना क्षेत्र के चैनपुर गांव के एक खेत में खड़े मन लुभा देने वाले रोहिड़े के पेड़ो की अन्धाधुन्ध कटाई करने का मामला सामने आया है खेत में खड़े रोहिड़े के पेड़ो पर जेसीबी चला कर करिबन 15-20 पेड़ो की कटाई कर डाली है अगर इस तरह से कटाई होती रही तो एक दिन राजस्थान का सागवान रोहिड़ा लुप्त हो जायेगा
हाथ पर हाथ धरे बैठा रहेगा प्रशासन या करेगा कार्यवाही?
धोरीमन्ना क्षेत्र के चैनपुर गांव के एक खेत में रोहिड़े की अन्धाधुन्ध कटाई हुई है इस मामले में प्रशासन उन लोगो पर क्या कार्यवाही करेगा या हाथ पर हाथ धरे यूँ ही बैठा रहेगा अगर प्रशासन कार्यवाही नही करेगा है तो इस की सुध कोन लेगा ??

