नई दिल्ली।पश्चिमी विक्षोभ के सक्रिय होने व क्षेत्रीय चक्रवात की स्थिति बनने से देश के कई राज्यों में बर्फबारी, बारिश और ओलों ने कहर बरपाया है। तेज बारिश और आंधी तूफान के चलते यूपी के अलावा बिहार, राजस्थान में भी भारी नुकसान हुआ है।
उत्तर प्रदेश के विभिन्न हिस्सों में बुधवार को लगातार चौथे भी आंधी-तूफान के साथ हुई बारिश ने कहर बरपा। इस दौरान तीन मासूमों समेत 18 लोगों की जान चली गई। इतना ही नहीं कई राज्यों में बारिश-ओलावृष्टि से फसलें बर्बाद हो गईं। उधर, वादी में बर्फबारी व बारिश से जनजीवन अस्तव्यस्त हो गया। अलबत्ता, दिल्ली में मौसम सामान्य रहा।
पश्चिमी यूपी के मेरठ, अलीगढ़, बरेली में शाम को मौसम ने करवट ली। ऐसे में अमरोहा में झुंडी माफी गांव निवासी किसान लखपत सिह की 13 बीघा फसल पानी में डूब गई, जिससे सदमे में आकर दिल का दौरा पड़ने से उनकी मौत हो गई।
बिजनौर के नजीबाबाद में बिजली गिरने से एक व्यक्ति की मौत हो गई, जबकि सहारनपुर के देवबंद में आंधी से टूटे बिजली के तार की चपेट में आने से दो लोगों की मौत हो गई, छह लोग झुलस गए। गुस्साए लोगों ने विद्युत विभाग पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए दोनों शव हाईवे पर रखकर जाम लगा दिया। वार्ता के बाद भीड़ ने चार घंटे बाद जाम खोला।
आगरा में आंधी-तूफान ने जमकर कहर बरपाया। अछनेरा के अगनपुरा में 35 वर्षीय चंद्रवती के अलावा दो अन्य की मकान गिरने से मौत हो गई। वहीं, महुआ खेड़ा में दो की मौत हो गई। डौकी में तीन लोगों की जान चली गई। मथुरा के फरह ब्लॉक के गांव झुडावई निवासी महेश और नरेश के परिवार के तीन बच्चों की मौत हुई। इसी गांव में अन्य घटना में 70 वर्षीय वृद्धा रेशम पत्नी अमर सिह की भी मौत हो गई। उन पर पांच सौ लीटर पानी की टंकी गिर पड़ी। फीरोजाबाद के सिरसागंज में 10 वर्ष के बच्चे और लाइनपार क्षेत्र में एक बच्चे की मौत हो गई।
ताजमहल के रॉयल गेट पर लगा 12 फीट ऊंचा पिलर तूफान के चलते गिर पड़ा। मुंबई-दिल्ली रेलमार्ग पर मनिया से कीठम के बीच ओएचई 13 स्थानों पर टूटने से दर्जनों ट्रेनें जहां की तहां खड़ी हो गईं।
राजस्थान में 12 लोगों की मौत
बारिश और आंधी तूफान ने राजस्थान में भी कहर बरपाया है। यहां ना सिर्फ किसानों की फसल तबाह हो गई है बल्कि अलग-अलग घटनाओं में 12 लोगों की मौत हो गई। खबरों के अनुसार राजस्थान के धौलपुर में जहां 7 लोगों की मौत हुई है वहीं भरतपुर में 5 लोगों की जान चली गई। बारिश के कारण आगरा-धौरपुर ट्रैक पर ट्रेनों का संचालन भी प्रभावित हुआ है.
वादी में हिमस्खलन का खतरा
वादी के उच्च पर्वतीय इलाकों में तीन दिनों से बर्फबारी और निचले क्षेत्रों में चौथे दिन भी बारिश होती रही, जिससे जनजीवन अस्तव्यस्त हो गया। मौसम विभाग ने अगले चौबीस घंटों के दौरान वादी में मौसम शुष्क रहने की संभावना जताई है। ताजा बर्फबारी के चलते उच्च पर्वतीय इलाकों में हिमस्खलन का खतरा बना हुआ है।
हिमाचल में झड़ गए सेब के फूल, बागवान मायूस
हिमाचल के अधिकांश हिस्सों में अप्रैल में बारिश व ओलावृष्टि से किसान-बागवानों के माथे पर चिंता की लकीरें खिंच गई है। तीन दिन से हो रही बारिश व तेज हवाओं से गेहूं व जौ की फसल खेतों में ढह गई है। प्रदेश के ऊपरी क्षेत्रों में ओलावृष्टि ने सेब बागवानों की कमर तोड़ दी है। सेब के फूल झड़ने से बागवान मायूस हैं। गुठलीदार फलों सहित नींबू प्रजाति के फलों आम, लीची को भी नुकसान पहुंचा है।