लखनऊ:राष्ट्रपति बनने के बाद पहली बार अपने गृह जिलें कानपूर पहुंचे रामनाथ कोविंद ने यहां एक भावुक बयान दिया. उन्होंने कहा, “आज मैं अपने घर में आया हूं. कुछ परंपराएं रही हैं कि घर वाले का भी स्वागत किया जाता है. लेकिन मैं मानता हूं कि आप लोग राम नाथ कोविंद का नहीं राष्ट्रपति का स्वागत कर रहे हैं. कानपुर से भावनात्मक जुड़ाव है.” यहां राष्ट्रपति ने ‘स्वच्छता ही सेवा’ कार्यक्रम की शुरुआत भी की.
इस मौके पर अपने संबोधन में राष्ट्रपति ने यह भी कहा, “भारत के राष्ट्रपति का पदभार संभालने के बाद ये मेरी पहली कानपुर यात्रा है. मैंने कानपुर के छोटे देहात से अपनी जीवन की शुरुआत की. मुझे कानपुर के गौरवशाली इतिहास हमेशा प्रेरणा देता रहा है. आज हमारा देश गंदगी के खिलाफ लड़ाई लड़ रहा है. इस बीड़ा इस देश के प्रधानमंत्री ने उठाया है। ईश्वरीगंज गांव को बधाई देता हूं, इन्होंने स्वच्छता के लिए सराहनीय काम किया है.”
उन्होंने यह भी कहा, “हमारे गांव और शहर स्वच्छ रहे ये काम हमको करना है. ये जिम्मेदारी हम सबकी है. माहात्मा गांधी ने कहा था- जब तक हम सब अपने हाथ में झाड़ू और बाल्टी नहीं उठाएंगे देश स्वच्छ नहीं होगा. हम सब लोग गांव में रहते हैं. जब महिलाएं खेत में शौचायल जाती हैं तो घर के बड़े बुजुर्ग तब तक तनाव में रहते हैं जब तक वो आ न जाएं. देश में एक सर्वे भी सामने आया था कि इस वजह से 6 करोड़ लोग मानसिक बीमार हैं.”