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कोलकाता। पश्चिम बंगाल में दुर्गा प्रतिमा विसर्जन पर रोक को लेकर कलकत्ता हाईकोर्ट में सुनवाई हुई। इसमें कोर्ट ने कहा कि आखिर दो समुदाय एक साथ त्योहार क्यों नहीं मना सकते हैं? कोर्ट ने सवाल किया कि आखिर राज्य सरकार दो समुदायों को लेकर अंतर क्यों पैदा कर रही है? कोर्ट ने कहा कि उन्हें सौहार्द के साथ जीने दो, उनके बीच में कोई लकीर मत खींचो, उन्हें साथ में जीने दो।
ये मामला तब सामने आया जब पश्चिम बंगाल की ममता बनर्जी सरकार ने हाल में एक बयान जारी करके कहा था कि दशहरे वाले दिन शाम छह बजे तक ही प्रतिमा का विसर्जन किया जाएगा। सरकार ने ये फैसला इसलिए लिया क्योंकि विजयादशमी के अगले दिन मुहर्रम है। उसको ध्यान में रखते हुए दुर्गा प्रतिमा विसर्जन पर रोक लगाने का ऐलान सरकार की ओर से किया गया।
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इसी फैसले को लेकर कलकत्ता हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका दाखिल की गई।
दुर्गा प्रतिमा विसर्जन को लेकर बुधवार को हाईकोर्ट में सुनवाई हुई। इस सुनवाई के दौरान कोर्ट ने प्रदेश सरकार के रवैये पर सवाल उठाया।
कोर्ट कहा कि आखिर दो समुदाय एक साथ त्योहार क्यों नहीं मना सकते हैं? कोर्ट ने आगे कहा कि आखिर राज्य सरकार दो समुदायों को लेकर अंतर क्यों पैदा कर रही है? उन्हें सौहार्द के साथ जीने दो, उनके बीच में कोई लकीर मत खींचो, उन्हें साथ में जीने दो।