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उदयपुर।प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 29 अगस्त को देश को इंजीनियरिंग और कारीगरी का नायाब तोहफा भेंट करेंगें. कोटा के चंबल नदी पर बने हैंगिंग ब्रिज का उद्घाटन उदयपुर में प्रधानमंत्री करेंगे जिसे बड़े से स्क्रीन पर कोटा में लोग देखेंगे.
बिना किसी पिलर का 1.4 किमी लंबाई यह हैंगिंग ब्रिज पिछले नौ साल से बन रहा अपनी तरह का पहला ब्रिज है जिसे बनाने में आठ देशों के इंजीनियरों की तकनीक का इस्तेमाल किया गया है. वैसे देश का यह तीसरा हैंगिंग ब्रिज है. चंबल नदी का यह झूलता हुआ ब्रिज 277 करोड़ की लागत से बना है. दरअसल चंबल में बड़ी संख्या में घड़ियाल और मगरमच्छ हैं और यह इलाका क्रोकोडाइल सेंचुरी के नाम से जाना जाता है. इसलिए एनवायरमेंट मिनिस्ट्री से इस ब्रिज के लिए क्लीयरेंस नहीं मिल रहा था. इसके बाद केंद्र की यूपीए सरकार ने कोरिया और जापान की मदद से बिना पिलर का ब्रिज बनाने का फैसला किया और 2008 में काम शुरु हुआ.
लेकिन 2009 में यह ब्रिज इंजीनियरों की लापरवाही से गिर गया और 48 लोगों की मौत इसके मलबे के नीचे दबने से हो गई. इसके बाद दुबारा इस ब्रिज बनाने का काम 2014 में शुरू हुआ. इस ब्रिज का ट्रायल करते हुए कोटा के सांसद ओम बिड़ला ने कहा कि ये हैंगिंग ब्रिज पूर्वी और पश्चिमी भारत के सात राज्यों के राजमार्ग को जोड़ेंगें. ब्रिज के उद्घाटन के बाद कोटा शहर से गुजरने वाले सभी वाहन इस हैंगिंग ब्रिज के गुजरेगें जिससे हादसों में भी कमी आएगी.
जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बटन दबाकर इसका उद्घाटन करेंगे तो दूसरी तरफ, कोटा के सांसद ओम बिड़ला यहां हवन-अनुष्ठान करेंगें ताकि पुल बनाते वक्त हादसे में जो 48 लोग मरे हैं, उसके प्रभाव को दूर किया जा सके.