रामजी का गोल सरपंच निलंबित




एक ही समय दो जगह की नौकरी, फिर संतान संबंधित तथ्य छुपाकर लड़ी सरपंच चुनाव, अब हुई शिकायत और गई सरपंचाई

एक ही समय दो जगह नौकरी करने व गलत तथ्य पेश कर सरपंच बनने का एक मामला सामने आया है। सरपंच बनने के दो साल बाद ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज विभाग जयपुर के उप शासन सचिव ने रामजी का गोल फांटा सरपंच गीता देवी को सरपंच पद से निलंबित कर दिया है। सरपंच गीता देवी ने गलत तथ्य पेश कर सरपंच चुनाव लड़ा था। जिसके बाद पुलिस में दर्ज हुए मामले और गिरफ्तारी के बाद अब उन्हें निलंबित कर दिया है।
गुड़ामालानी पंचायत समिति के रामजी का गोल फांटा सरपंच गीता देवी ने सरपंच के तीन संतान है। इसके बावजूद चुनाव के दौरान गलत तथ्य पेश कर चुनाव लड़ा और जीत गई। इसके पंचायतीराज विभाग को तीन संतान के बावजूद चुनाव लड़ने की शिकायत की गई। इसके बाद 24 अक्टूबर 2016 को सरपंच को धारा 420, 467, 468, 471 एवं 406 में दोषी माना था। 21 फरवरी 2017 को पंचायतीराज निमय 1996 के नियम 22(2) के तहत विभागीय नोटिस जारी किया गया है। अब पंचायती राज विभाग के उप शासन सचिव ने आदेश कर तुरंत प्रभाव से रामजी का गोल फांटा सरपंच गीता देवी को निलंबित कर दिया है। निलंबन काल में ग्राम पंचायत रामजी का गोल फांटा के किसी कार्य एवं कार्यवाही में भाग नहीं लेगी।
दो जगह नौकरी, तीन संतान 
तीन संतान होने के बावजूद गीता देवी ने दो को जुड़वां बताकर सरपंच पद पर चुनाव लड़ा और वह जीत गई। इतना ही नहीं इससे पूर्व नियमों को ताक पर रखकर एक ही समय में दो जगह नौकरी की। तीन में से दो संतान को जुड़वां बताकर चुनाव लड़ा था, जबकि वास्तविक में उसके तीन संतान थी। इसकी शिकायत कलेक्टर, संभागीय आयुक्त तक की गई। गीता देवी ने तीन संतान के बावजूद पंचायत समिति वार्ड 3 से पंचायत समिति सदस्य और रामजी का गोल फांटा से सरपंच का चुनाव लड़ा। गीता देवी के कृष्णा, रामकरण और लक्ष्मी तीन संतान है। इनका जन्म अलग-अलग तिथि में हुआ है। एक ही समय में दो-दो जगह नौकरी कर सरकारी राशि के गबन करने का मामला दर्ज हुआ था। अब मामले का खुलासा होने पर गीता देवी की मुश्किलें बढनी शुरू हो गई है।

अब कमान उपसरपंच के हाथ मे

उपसरपंच चनणी देवी को रामजी गोल का सरपंच पद सोपा।

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